EPFO Pension Benefits – EPFO पेंशन की गणना कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है क्योंकि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली आय इसी पर निर्भर करती है। EPF योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर हर महीने योगदान करते हैं, लेकिन पेंशन EPS (Employees’ Pension Scheme) के फॉर्मूले के आधार पर तय होती है। कई लोग यह समझ नहीं पाते कि उनकी पेंशन कितनी बनेगी और इसका कैलकुलेशन कैसे किया जाता है। EPFO ने पेंशन निर्धारित करने के लिए एक निश्चित फॉर्मूला तय किया है, जिसे जानना हर कर्मचारी के लिए जरूरी है। यदि आप लंबे समय तक नौकरी करते हैं और आपकी अंतिम सैलरी ज्यादा है, तो आपकी पेंशन भी उसी के हिसाब से बढ़ती है। इस लेख में हम आपको EPFO पेंशन का पूरा कैलकुलेशन, फॉर्मूला, उदाहरण और महत्वपूर्ण बातें आसान भाषा में समझाएंगे, जिससे आप अपनी पेंशन का सही अंदाज़ा लगा सकें।

EPFO पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला क्या है?
EPFO पेंशन निकालने के लिए एक स्टैंडर्ड फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है, जिसे कर्मचारी आसानी से समझ सकते हैं। यह फॉर्मूला है— पेंशन = (पेंशन योग्य सेवा × पेंशन योग्य वेतन) / 70**। पेंशन योग्य वेतन आमतौर पर आपकी अंतिम 60 महीनों की औसत बेसिक + DA होती है। यदि किसी कर्मचारी की सेवा 20 वर्ष से अधिक है, तो उसे अतिरिक्त 2 वर्ष की बोनस सेवा भी दी जाती है। EPFO का यह फॉर्मूला इसलिए बनाया गया है ताकि कर्मचारी की नौकरी के वर्षों और वेतन दोनों को ध्यान में रखते हुए एक स्थिर पेंशन तय की जा सके। इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित आय मिलती रहती है और आर्थिक सुरक्षा बनी रहती है।
पेंशन योग्य सेवा और वेतन कैसे तय होता है?
पेंशन योग्य सेवा यानी आपने EPS में कितने वर्ष योगदान दिया है। न्यूनतम सेवा 10 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष तक मानी जाती है। दूसरी ओर, पेंशन योग्य वेतन आपकी अंतिम 5 साल की औसत बेसिक सैलरी + डीए पर आधारित होता है। यदि किसी कर्मचारी की सैलरी कई वर्षों में बढ़ी है, तो औसत वेतन का कैलकुलेशन बदल जाता है, जिससे पेंशन पर सीधा असर पड़ता है। पहले EPS पेंशन की सीमा ₹6,500 थी, बाद में इसे ₹15,000 कर दिया गया, जिससे पेंशन राशि बढ़ने लगी। सही पेंशन योग्यता जानने के लिए कर्मचारियों को अपने EPFO रिकॉर्ड की जांच नियमित रूप से करनी चाहिए।
EPFO पेंशन कैलकुलेशन का उदाहरण
मान लीजिए किसी कर्मचारी की पेंशन योग्य सेवा 30 वर्ष है और अंतिम 60 महीनों का औसत पेंशन योग्य वेतन ₹15,000 है। तो पेंशन का कैलकुलेशन होगा—(30 × 15,000) / 70 = ₹6,428 प्रति माह (लगभग)**। यदि सेवा 35 वर्ष के करीब हो तो पेंशन राशि और बढ़ जाती है। यह कैलकुलेशन कर्मचारियों को अपने भविष्य की आर्थिक योजना बनाने में बहुत मदद करता है। सही फॉर्मूले से आप यह तय कर सकते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आपको कितना मिलेगा और क्या आपको अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है।
उच्च पेंशन (Higher Pension) का विकल्प
EPFO ने कर्मचारियों को Higher Pension का विकल्प भी दिया है, जिसमें वे अपनी वास्तविक सैलरी के आधार पर पेंशन का दावा कर सकते हैं। इस स्कीम के तहत EPS में अधिक योगदान करना पड़ता है, जिससे भविष्य में पेंशन राशि काफी बढ़ जाती है। Higher Pension चुनने से पहले कर्मचारियों को यह समझना चाहिए कि इसकी प्रक्रिया क्या है, कितना अतिरिक्त योगदान लगेगा, और इसकी पात्रता क्या है। यदि आपकी सैलरी अधिक है और आप लंबी अवधि तक नौकरी करने की योजना रखते हैं, तो यह विकल्प आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इससे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन कई गुना तक बढ़ सकती है।
